पिछले दिनों हमने देखा था की रसगुल्ले को लेकर ओड़िसा और पश्चिम बंगाल आपस में भीड़ गए थे की ये हमारा बनाया हुआ है , और GI टैग (भौगोलिक संकेतक ) को लेकर दोनों राज्यों ने अपना अपना दावा ठोक दिया था.
वैसा ही एक और रोचक मामला सामने आया है जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जो कभी एक ही राज्य हुआ करते थे, दोनों ने मुर्गे की एक प्रजाति कड़कनाथ मैं अपना अपना दावा चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय में आवेदन स्वरुप ठोक दिया है .
” मध्य प्रदेश का कहना है की कड़कनाथ झाबुआ में मिलने वाला एक प्रजाति है , वही छत्तीसगढ़ कहता है कड़कनाथ मूलतः छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले का प्रजाति है “
आपको बता दे की कड़कनाथ जंगली मुर्गो की सबसे उत्तम प्रजाति मानी जाती है, इसकी आँखे , शारीर , खून एवं हड्डिया सभी काले रंग की होती है . विशेषज्ञों के अनुसार कड़कनाथ के मांस में आयरन एवं प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जबकि कॉलेस्ट्राल की मात्रा अन्य प्रजाति के मुर्गों से काफी कम पायी जाती है. इसके अलावा, यह अन्य प्रजातियों के मुर्गों से बहुत अधिक दाम में बेचा जाता है.
अन्य मुर्गों में करीब 214 एमजी प्रति किलोग्राम होती है, पर कड़कनाथ के मांस में 25 से 27 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि अन्य मुर्गों में केवल 16 से 17 प्रतिशत ही प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा, कड़कनाथ में लगभग एक प्रतिशत चर्बी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में 5 से 6 प्रतिशत चर्बी रहती है.
दोनों प्रदेश अपने अपने दावों को ले कर आश्वस्त है की कड़क नाथ पे उनका ही अधिकार है, देखते है असली मुहर GI Tag का किस पर लगता है .