NDTV बैन : बोलने की आज़ादी को खतरा या देश की सुरक्षा को ?
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हाल ही में देश के एक बड़े नाम वाले छोटे मीडिया चैनल NDTV India को सुचना एवं परासरण मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया, मैंने इस चैनेल को छोटा इस लिए कहा की देश में देखे जाने वाले मुख्य समाचार चैनेलो में ये काफी निचले दर्जो में आता है ।
सवाल ये है प्रतिबंधित कियो किया गया ? प्रतिबंधित इसलिए किया गया क्योकि, इस चैनल ने थाकथित तौर पे पठानकोठ हमले के दौरान किये गए रिपोर्टिंग में, काफी संवेदनशील जानकारिया टीवी पर लीक कर दी, जबकि सेना की कार्यवाही चल रही थी ।
जो जानकारिया लीक की गयी उनमे शामिल था, पठानकोट बेस के अंदर सेना की मूवमेंट, असलो का जखीरों से सम्बन्धित जानकारी , रिइंफोर्मेंट की जानकारी , आतंकवादी अंदर किस जगह में फस सकते है या फसे है इस संम्बन्धित बाते, जो की किसी भी अंडर गोइंग ऑपरेशन के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
GOI ordered to Ban @ndtv for A Day for Violating Guidelines & telecasting LIVE Army operation against terrorists. This is the Violation Clip pic.twitter.com/Np0ogvypFd
— Tajinder Pal S Bagga (@TajinderBagga) November 4, 2016
क्या ऐसा पहली बार किया गया ? नहीं ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी समय समय पर काफी बार सरकार की तरफ से चैनलो पर ऐसी कार्यवाही होती रही , बल्कि ये सबसे काम अवधि का बैन है , इससे पहले जितने भी बन लगे ३ दिन से ३ महीने तक के रहे, जिनमे Ftv से लेकर AXN जैसे चैनल भी शामिल है।
जिस तरीके से इस पुरे मुद्दे को राजनीती का रूप दिया जा रहा है, वो न केवल शर्मनाक है बल्कि देश के लिए बहुत खतरनाक भी है, आज देश की मीडिया को ये आत्म मंथन करना चाहिए की टी आर पि की होड़ में, हम कहीँ देश की संप्रभुता को तो खतरे में नहीं डाल रहे, सरकार का काम बोलने की आज़ादी को बचाना तो है, पर सरकार का कर्त्तव्य है की देश की संप्रभुता की रक्षा करना।
NDTV चैनेल पर इस तरीके का यह पहला इल्जाम नहीं हैं, पहले भी कई मौको पर ये चैनल इस तरह के संगीन इलज़ाम झेल चूका है , फिर चाहे वो कारगिल हो , या 2008 होटल ताज की कार्यावाही या INS अरिहंत की रिपोर्टिंग सबमे इसका मंसूबा कई लोगो को संकित करता है। ये नीचे दिया लैटर कथित तोर पे अजित डोवाल द्वारा लिखा गया है, भारत सरकार को, जिसमे की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग जाहिर किया गया।
आप किया चाहते हैं ? कब तक इस सीरियल ओफ्फेंडर चैनल को देश की सरकार को बर्दाश्त करना चाहिए, और एक दिन के बैन से किसका किया उखड जायेगा ? इससे कौन सी आपकी बोलने की आज़ादी मर रही है? अगले दिन से गरियाये सरकार को, मोदी को, किसने रोका है , आप ने तो कल से ही शुरू कर दिया है मुह पुतवा के आलोचना में आप बैठ गए है, ठीक है आपका हक़ है लेकिन ये बैन एक मौका भी है अपने अंदर झाँकने का, की कही हमसे कोई गलती तो नहीं हो रही लगातार , ये एक सन्देश भी देगा आपके संवादाताओं को TRP की रेस में हम रिपोर्टिंग के वक़्त सीमा तो नहीं लांघ रहे, ये मौका है, आपके लिए और देश के सभी मीडिया हाउस के लिए की आत्म मंथन करे, न की बोलने की आज़ादी का अलाप गा कर असल मुद्दों से मुह छुपा ले।
मेरे हिसाब से देश की सरकार ने एक मन बना लिया है “No Compromise with National Interest” की चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो, भोपाल एनकाउंटर हो या बैन और पुरे देश को इसमें साथ आगे आना चाहिए , अवहेलना करिये, आलोचना करिये लेकिन पोलिटिकल पार्टी की , देश में राजनीती करिये , देश से राजनीती नहीं, ऐसा भी किया सरकार की आलोचना करना की हफ़ीज़ सईद आपकी प्रसंसा कर दे। जरा सोचिये इस बात को।
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